प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को ‘वेड इन इंडिया’ मूवमेंट में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य विदेशों में होने वाली शादियों को भारत में ही करना है। इससे न केवल देश को विदेशी मुद्रा मिलेगी, बल्कि यह लोकल बिजनेस को भी बढ़ावा देगा।
डेस्टिनेशन वेडिंग का आभास: भारत में हर साल लाखों शादियां होती हैं और वेडिंग सीजन चल रहा है, जिसमें लाखों करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। लेकिन बदलते समय के साथ विदेश में डेस्टिनेशन वेडिंग का प्रचुर लुभाव बढ़ा है।
बिजनेस को बूस्ट: ‘वेड इन इंडिया’ के समर्थन में, भारतीय व्यापारिक समूह ने इस आभास को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उनका कहना है कि विदेशों में होने वाली शादियों से देश को नुकसान होता है और इससे लोकल बिजनेस को भी कमी पहुंचती है।
प्रमुख डेस्टिनेशन वेडिंग सेंटर: भारत में डेस्टिनेशन वेडिंग की मांग बढ़ रही है और इसमें विभिन्न प्रमुख स्थान शामिल हैं, जैसे कि वाराणसी, मथुरा, उज्जैन, जयपुर, उदयपुर, हैदराबाद, और दिल्ली।
अर्थव्यवस्था का समृद्धांत: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हर साल 5,000 से अधिक भारतीय जोड़े विदेशों में शादी करते हैं और इससे 1 लाख करोड़ रुपये तक का खर्च होता है। यह आंकड़ा दिखाता है कि डेस्टिनेशन वेडिंग भारत को महसूस करने वाली जगहों पर होने पर इसका असर हो सकता है।
नागरिक समाज का समर्थन: भारतीय नागरिक समाज भी इस पहल का समर्थन कर रहा है और उन्हें भारत में ही शादी करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे लोग अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान को बनाए रख सकते हैं।
सामाजिक पहलुओं का महत्व: यह पहलुओं में भी सकारात्मक परिणाम ला सकता है, क्योंकि यह लोगों को अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों के प्रति जागरूक कर सकता है, जिससे समृद्धि और सामृद्धिक समृद्धि हो सकती है।
रोजगार की दिशा: डेस्टिनेशन वेडिंग इंडस्ट्री का विकास लोकल व्यापारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ नौकरियों की बढ़ोतरी में भी सहायक हो सकता है। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और लोगों को रोजगार का नया स्रोत मिल सकता है।
मुख्य उद्देश्यों का सामरिक लाभ: ‘वेड इन इंडिया’ मुहीम के मुख्य उद्देश्यों में से एक यह भी है कि लोग अपने शादी के अवसर पर अपने आस-पास के समुदाय को साथ लें और सामाजिक रूप से जुड़े रहें। यह सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा दे सकता है और लोगों को एक अद्वितीय और सामृद्धिक अनुभव प्रदान कर सकता है।
समाप्ति: इस नए पहलुओं की दिशा में, ‘वेड इन इंडिया’ नारा एक सकारात्मक स्थिति की ओर एक प्रगाढ़ धारणा कर रहा है। यह नहीं केवल देश की अर्थव्यवस्था को सुधार सकता है, बल्कि सामाजिक संबंधों को भी मजबूत कर सकता है और लोगों को उनके आदिवासी और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति समर्थन में मदद कर सकता है।