नमस्कार दोस्तों भारत का इक्विटी मार्केट ने चार ट्रिलियन डॉलर के मील का पत्थर गाड़ दिया है, जिससे देश दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमिक पैम्प पर उतर आया है। इस साल, मार्केट कैप में 46 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जो दुनिया भर में धमाल मचा रही है।
भारत की GDP
हाल ही में एक फर्जी खबर ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी थी, जिसमें दावा किया गया था कि भारत की इकॉनमी ने चार ट्रिलियन डॉलर का मील स्टोन कारीगर किया है। हालांकि, यह सच्चाई से दूर थी, लेकिन इसका सीधा असर भारत के इक्विटी मार्केट में दिखा। बीएसई लिस्टेड शेयरों का मार्केट कैप ने अपने ऑल-टाइम हाई लेवल 328.33 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो डॉलर में 3.94 ट्रिलियन डॉलर के बराबर है।
निफ्टी में इस साल की तेजी के साथ, भारतीय मार्केट ने दुनिया को धूमधाम से सूचित किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की इकॉनमी और मार्केट कैप में और भी वृद्धि की उम्मीद है, और आने वाले कुछ दिनों में देश चार ट्रिलियन डॉलर की कड़ी मेहनत के बाद उस पर पहुंच सकता है।
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एक्सपर्ट की राय
विश्लेषकों का मानना है कि इस वृद्धि में स्मॉल और मिडकैप शेयरों के जबरदस्त प्रदर्शन और कई आईपीओ का महत्वपूर्ण योगदान है। इस संदर्भ में, भारतीय जीडीपी भी मैक्रो स्तर पर दुनिया में पांचवीं स्थान पर है, जो विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दशक में सात ट्रिलियन डॉलर की ओर बढ़ सकती है।
एसबीआई सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल ने इस संदर्भ में कहा, “2030 तक भारत की सात ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने की संभावना है। जब जीडीपी बढ़ती है, तो मार्केट कैप भी दोगुना हो जाता है। शेयरों की कीमत में तेजी और नई लिस्टिंग्स से मार्केट कैप में बढ़ोतरी होती है। निफ्टी और सेंसेक्स के अगले पांच साल में डबल होने की उम्मीद है।”
भारत की जीडीपी, यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट, दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी है। इस समय, भारत की जीडीपी लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर के करीब है, जिससे यह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण इकॉनमीज में से एक है। अमेरिका, चीन, जर्मनी, और जापान के बाद भारत की जीडीपी पांचवीं स्थान पर है, जो सालों से आर्थिक सुधारों और विकास की दिशा में काम कर रहा है।